कपट के ललाट पर लगी तिलक रोली अहम की कपट के ललाट पर लगी तिलक रोली अहम की
अन्याय विरुद्ध खड़ा होना धर्म चरित्र हो जीवन में, अन्याय विरुद्ध खड़ा होना धर्म चरित्र हो जीवन में,
पर छली जाती हर पापी से बारम्बार। वेदना इसकी कोई न जाने, करते सब इसका ही संहार। पर छली जाती हर पापी से बारम्बार। वेदना इसकी कोई न जाने, करते सब इसका ही संहार...
सुना है आज ! किसी पुलिस वाले ने कर ली है आत्महत्या। सुना है आज ! किसी पुलिस वाले ने कर ली है आत्महत्या।