जब तक हासिल न कर लूँ अपना लक्ष्य..... जब तक हासिल न कर लूँ अपना लक्ष्य.....
प्रशंसा के चाटुकारी भ्रम का स्रृष्टा बन जाऊँ... प्रशंसा के चाटुकारी भ्रम का स्रृष्टा बन जाऊँ...
तू रहे न रहे जमाना ये ही कहे कृति ये जोअद्वितीय बने। तू रहे न रहे जमाना ये ही कहे कृति ये जोअद्वितीय बने।
मैं सरल लिखूं या क्लिष्ट लिखूं? मैं गरल लिखूं या विशिष्ट लिखूं? मैं सरल लिखूं या क्लिष्ट लिखूं? मैं गरल लिखूं या विशिष्ट लिखूं?