मैं बन जाऊँ तेरी चूड़ी कंगन काजल बिंदिया औ लाली। मैं बन जाऊँ तेरी चूड़ी कंगन काजल बिंदिया औ लाली।
अपनी रुपहली दुनिया में सिर्फ़ अंगूठे चल रहे हैं शब्द चल रहे हैं । अपनी रुपहली दुनिया में सिर्फ़ अंगूठे चल रहे हैं शब्द चल रहे हैं ।
क्या, कैसे, क्यों हमें, बताता हैं, अपना विज्ञान। क्या, कैसे, क्यों हमें, बताता हैं, अपना विज्ञान।
पिता के संग जब खेल रहीं गणना शक्ति का भान हुआ, पिता के संग जब खेल रहीं गणना शक्ति का भान हुआ,