तुम्हारी आहट पर मुझे कुछ पूर्णता का आभास तो हो। तुम्हारी आहट पर मुझे कुछ पूर्णता का आभास तो हो।
इसी सद्भाव के कारण इंसान, विश्वसनीय और प्रिय होता है।। इसी सद्भाव के कारण इंसान, विश्वसनीय और प्रिय होता है।।
उलझन कोई आये, मन घबराये, उनकी उलझनों को मैं, उभार लेता हूँ, उलझन कोई आये, मन घबराये, उनकी उलझनों को मैं, उभार लेता हूँ,