सुकून मिलने लगता है खुद से बात करने में आवारा बंजारा बन दर - दर भटकने में सुकून मिलने लगता है खुद से बात करने में आवारा बंजारा बन दर - दर भटकने म...
अपने जज़बातों पे, न पहरेदार हुआ। आज़माइशें कम हुई, तो किससे एहतराम हुआ। अपने जज़बातों पे, न पहरेदार हुआ। आज़माइशें कम हुई, तो किससे एहतराम हुआ।
ऐसे संगदिल की मोहब्बत में हम फ़ना होते रहे। ऐसे संगदिल की मोहब्बत में हम फ़ना होते रहे।
रसूख वालों के गुलाम है कानून सारे रसूख वालों के गुलाम है कानून सारे
'अंदाज भी उनके निराले, तराने के तकल्लुफ भी, आजमाइशें भी अजी कहती, शोक के तवारूक भी।' एक खुबसूरत कवि... 'अंदाज भी उनके निराले, तराने के तकल्लुफ भी, आजमाइशें भी अजी कहती, शोक के तवारूक...
सारे पर्दे सही जो सब-कुछ साफ ढक लें सिला होता है। सारे पर्दे सही जो सब-कुछ साफ ढक लें सिला होता है।