महलों की दीवारे क्या जाने , जंगल की आग को सिर से छत गिरा दे , तो बाबा के बटुवे का फ़र्ज़ सम... महलों की दीवारे क्या जाने , जंगल की आग को सिर से छत गिरा दे , तो बाबा...
अमर होकर भी जो मर गया, वो नाम अश्वत्थामा था।। अमर होकर भी जो मर गया, वो नाम अश्वत्थामा था।।
कृपाचार्य कृतवर्मा सहचर मुझको फिर क्या होता भय। कृपाचार्य कृतवर्मा सहचर मुझको फिर क्या होता भय।
कितना आसान होता है इंसान को उसकी प्रतिबद्धताओं, उसकी आस्था और विश्वास से जोड जोड़कर उसे उसकी ही ... कितना आसान होता है इंसान को उसकी प्रतिबद्धताओं, उसकी आस्था और विश्वास से जोड ...