अपने पाश में ले चीर रहा है आप छटपटा रहे है आपकी गूंगी चीत्कार अपने पाश में ले चीर रहा है आप छटपटा रहे है आपकी गूंगी चीत्कार
हिचकियों से थी अवरुद्ध श्वास उसकी हिचकियों से थी अवरुद्ध श्वास उसकी
प्रज्वलित हुआ गुरू रूपी दीपक जब, अज्ञान तिमिर सारा लुप्त हुआ। प्रज्वलित हुआ गुरू रूपी दीपक जब, अज्ञान तिमिर सारा लुप्त हुआ।