ये औरतें भी न
ये औरतें भी न


ये औरतें भी न कितना कुछ छुपाती हैं
भले ही लड़का पसन्द न हो
शादी के लिए
आप जैसा ठीक समझो पापा
कह कर चली जाती हैं
ये औरतें भी...
बिना गलती के भी ससुराल में
सास-ससुर की डाँट खाती हैं
बुरा लगने के बावजूद भी
पापा जी-मम्मी जी आगे से ऐसा नही होगा
कह कर अपने काम मे लग जाती हैं
ये औरतें भी...
पति की बेरुखी सहन करके
बिना प्यार के ही दो साल में
दो बच्चों की माँ बन जाती हैं
फूलती हैं अपने नसीब पर और इठलाती हैं
ये औरतें भी...
जो पति घर पर ठीक से बात
तक नही करता उ
ससे
समाज मे उसी का मान बढ़ाने
के लिए हाथ पकड़कर
हँस-हँस के उससे बतियाती हैं
ये औरतें भी...
घर मे कभी हँसी-ख़ुशी का माहौल
नही मिलता फिर भी
सेल्फी में पति के साथ मुस्कराती हैं
ये औरतें भी...
तमीज़ नही है तुम्हें किसी से
बात करने की
इतना सुन कर भी उसके दोस्तों
के बीच अच्छे से बात करके अपना
प्रभाव जमाती हैं
ये औरतें भी...
खामोश रहती हैं हर पल घर में
लेकिन मेहमानों के आने पर
हँसी-ठिठोली में समय बिताती हैं
ये औरतें भी न कितना कुछ छुपाती हैं
ये औरतें भी न..!!