STORYMIRROR

Neha Dhama

Others

4  

Neha Dhama

Others

वो माँ ही तो हैं

वो माँ ही तो हैं

1 min
378

माँ तो आखिर माँ होती है।

उसके बच्चे में उसकी जां होती है।

माँ की ममता जिसकी ना समता।

माँ का प्यार जिसका ना पार।


माँ तो है एक निर्मल धारा।

जिसने मेरा जीवन सँवारा।

माँ की बगिया के हम है नन्हे फूल।

जिसकी गोदी में दुःख दर्द जाते सब भूल।


वो माँ ही तो है।

माँ तो आखिर माँ होती है।


बांहों का बनाकर पालना झूला झुलाये।

अपनी गोदी में लेटाकर लोरी सुनाये।

रक्त की एक एक बूंद से सींचा जीवन

कर दिया हम पर न्यौछावर तन मन।


वो माँ ही तो है ।

माँ तो आखिर माँ होती है।


खेलते हुए जब कभी गिर जाये।

दौड़कर अपनी बांहों में उठायें।

देने को तत्पर रहती अपनी आयु ।

हम ही तो है जिसकी प्राण वायु।


वो माँ ही तो है।

माँ तो आखिर माँ होती है।


बनकर संस्कार नसों में जिसका दूध बहा।

उस ममता की मूरत का कोई जवाब कहाँ।

पल पल फिक्र करे, बिन कहे सब ले जान।

दर्जा जिसका, सृस्टि रचयिता से भी महान।।


वो माँ ही तो है।

माँ तो आखिर माँ होती है।

उसके बच्चे में उसकी जां होती है।।



Rate this content
Log in