विवशता
विवशता
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कभी-कभी
ये एहसास
कि
प्रेम को
प्रेम से
छीन लेने की बात
मैं बेवकूफ़
जाने क्यूँ
करना
चाहती थी
वो अपराध
जानती हूँ
जीवन नहीं
है इसके बिना
पर फिर भी
दे रही हूँ समय का साथ।
