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Kapil Jain

Others Tragedy

1.4  

Kapil Jain

Others Tragedy

विनम्र श्रद्धांजलि

विनम्र श्रद्धांजलि

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कल आखिरी 'शो' था 'जीवन' का

हो गया, पर्दा गिर गया

लोग निहारते रहे, नम आँखों से

और "गुरू' अलविदा कह गए।


हां, यही तो अन्त है आरम्भ का

आखिरी 'दृश्य' में

अलविदा कहना था

और फिर लौटना भी नहीं था।


बस फिर क्या था

इसलिए उन्होंने

'दृश्य' चुना 'आत्मलीन' की

जमाई 'धूनी' पंचतत्वों में,

और विलीन हो गए !


लोग निहारते रहे,

नम आँखों से,

गुरूवर अजर

अमर हो गए !


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