उसने सच्चा आशिक खोया है
उसने सच्चा आशिक खोया है
दूर तो उसे जाना ही था बस
कुछ नई कहानी बनाई थी
लाख मनाया उसको मैंने पर
वो मुझे धोखा देने आई थी।
सुना है किसी गैर के साथ घूमती है
मुझे बताना जरूरी नहीं समझा
भरोसा ना करना कहा था लोगों ने
पर मैं तो आखिर ठहरा ही नासमझा।
सोचता हूँ कि कैसे करती है
नजरअंदाज मुझे बेफिक्र होकर
क्या प्यार नहीं करते थी जो
चल दी लगाकर कोई ठोकर।
प्यार का हाथ उसने बढ़ाया था
जीने मरने की कसमें उसने खाई थी
मैं गलत कहा था कोई बताएगा जो
आज भी साथ मेरे सिर्फ तन्हाई थी।
उसका तो पता नहीं है पर
मेरा दिल आज भी बहुत रोया है
छोड़ो जाने दो वो भी क्या याद रखेगी
उसने एक सच्चा आशिक खोया है।