तुम
तुम
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सी एल सी के चाय की टपरी सी तुम,
मैं हर दिन तुम्हें निहारा करूं...
मिलु तुझसे दो लेक्चर्स के बीच,
एक पल में ज़िन्दगी गुज़ारा करूं...
मिलकर तुझसे ताज़गी सी आ जाए,
जब थक कर तेरे पास आया करूं...
चुस्की लेने का फ़िर जब मन करे,
अपने दोस्तों को लेकर मैं आया करूं....
मिल जाए सुकून के दो घूँट,
उस घूँट पे अपना समय ज़ाया करूं ...
सी एल सी के चाय की टपरी सी तुम,
मैं हर दिन तुम्हें निहारा करूं ...