STORYMIRROR

Rahim Khan

Others

3  

Rahim Khan

Others

तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम

तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम

1 min
359

       तुझे राम कहूँ  कि कहूँ रहीम

       छुपा कहाँ है फ़लसफ़ा तेरी रज़ा का 

तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम...........


कोई झुका है चोखट किसी पे ,

कोई खड़ा है वंदन में किसी के

कोई बना है मुहाफिज तेरी बका का            तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम

          छुपा कहाँ है फ़लसफ़ा तेरी रज़ा का

          तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम........


कोई पत्थर के खंडहर बना कर

 कोई मर्दानी खंजर चला कर ,

जज्बा दिखा रहा तेरी वफ़ा का               तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम

        छुपा कहाँ है फ़लसफ़ा तेरी रज़ा का

       तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम......


आदम की औलाद में कोई अक्स तेरा दिखा रहा

तू तख्तो नसी है आसमां में , कोई ये बता रहा 

 सूरज कहाँ छिपा है    इस फिज़ा का       तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम

          छुपा कहाँ है फ़लसफ़ा तेरी रज़ा का

          तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम........



ये खिताबों में तेरा  है वजूद जो बताया

उसी को है बचाना, सभी के दिलों में यही है छाया

रहीम भी डरा रहा ,मंज़र देख  तेरी सजा  का     तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम

         छुपा कहाँ है फ़लसफ़ा तेरी रज़ा का               तुझे राम कहूँ कि कहूँ रहीम.......... 



  




  

 


Rate this content
Log in