तुझे ही निहारूँ
तुझे ही निहारूँ
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इन नैनन से जो भी देखूँ, बस तुझे ही निहारूँ।
पल- पल पलकें बिछाऊँ, पर तुम्हें ना बिसारूँ।।
अश्रु माला पिरोऊँ, चरणों में तुम्हारे।
खुशी के ऑंसू हों, या गम के, वह भी तुम्हारे।।
जब तलक साँसे हैं चलती, रहे याद तुम्हारी।
थमने लगे जब साँसे, बचाना लाज हमारी।।
हृदय की हर धड़कन भी पुकारे, नाम हो तुम्हारा।
गर जीते ना पा सका, तो धिक्कार है हमारा।।
राह अगर दिखलाई, तो मंजिल तक पहुँचाना।
लाज बच जाए "नीरज" की, कहीं हँसे ना ज़माना।।