तेरी चाहत में आज भी कोई
तेरी चाहत में आज भी कोई
आज भी तेरी मधुर मुस्कान देखना चाहता है कोई !
जिसके मुखड़े पे फिर से मधुर मुस्कान लाई है तुमने।
आज भी तेरे साथ हरपल जागना चाहता है कोई !
जिसकी पल- पल की निंदिया चुराई है तुमने।
आज भी तेरे साथ अंतिम साँस तक जीने की सपने सजाता है कोई !
जिसकी जिंदगी में आकर उसे सँवारी है तुमने।
आज भी तेरे इंतजार में उसी मोड़ पे खड़ा है कोई !
जिस मोड़ पे मिलकर फिर कभी न बिछड़ने की बात कही है तुमने।
आज भी संग बिताये गये साथ में सुकून के
उन लम्हों को ओढ़ता- बिछाता है कोई !
जिसकी आशियाँ में उम्मीद की किरण लाई है तुमने।
आज भी तेरे नटखटपन को अपने दिल में निहारता है कोई!
जिसकी शायरी में शरारतपन घोली है तुमने।
आज भी तेरी चाहत को अपना उम्मीद बना उसी हाशिये पे खड़ा है कोई!
जिसको हकीक़त बन पुरा करने की यकीं दिलाई है तुमने।
आज भी तेरे हिस्से का भी आँसु अपने आँखों से बहा सकता है कोई!
जिसकी जिंदगी में दुनियाभर की खुशियाँ अपनी आहट से लाई है तुमने।
आज भी किसी - न- किसी बहाने हर पल तेरे पास जिंदगी भर के लिए
तुझसे चिपककर रहना चाहता है कोई !
जिससे जुड़कर उसे अपनेपन का एहसास दिलाई है तुमने।
ऐसी प्रेम कहानी और समर्पण की मिसाल इस जहाँ में विरले ही होगा कोई !
एक- दूसरे के जान हैं हम और जान से बढ़कर भी भला इस जहाँ में है कोई।।