सुनोगी नहीं सुरभि
सुनोगी नहीं सुरभि
सुनोगी नहीं सुरभि,
मुझे तुमसे बहुत कुछ कहनी है!
तुमसे बातें करनी है,
तुम्हारी बातें सुननी है
कुछ सुननी है, कुछ सुनानी है
संग हँसनी है, हँसानी है।
एक-दूजे के साथ बिताये गये उन खूबसूरत पलों को,
चलो न संग-संग गुनगुनानी है !
सुनोगी नहीं सुरभि!
आओगी नहीं आसमां !
प्रेम की अपने प्यास को तुझमें खोकर बुझानी है ,
सुनोगी नहीं सुरभि ,
तुम्हारे साथ नित सुबह सस्मित मुस्कान मुस्कानी है,
और रात में तेरे साथ तारों की महफ़िल सजानी है
तनिक ठहर भी जा ट्विन्कल ,
तेरे साथ सारी उमर यूं एहसासों में ही बितानी है।