STORYMIRROR

Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Classics

4  

Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Classics

संभलकर

संभलकर

1 min
274

संभल कर चलिये 

वक़्त बड़ा नाजुक है 

संभल कर कहिये 

नहीं तो बड़ा चाबुक है !


सौदा करे वो 

जो भी सौदागर है 

मौजा करे वो 

जो भी "मौजादर " है !


हम आप तो

उतना ही ढ़कते हैँ 

सोते पलंग पे 

ज़ितनी बड़ी चादर है !


माटी का तन है 

माटी हो जायेगा 

य़ादों मे बस उतना है 

ज़ितना बड़ा आदर है !


"मौजादर" assamese शब्द है 

ज़िसका मतलब leader होता है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action