सखी - सहेली
सखी - सहेली
दुनिया से कुछ अलबेली हो,
तुम मेरी प्यारी सखी सहेली हो।
संसार की सबसे नायाब शख्सियत हो,
तुम कितनी खूबसूरत हो।
न सुंदरता की फिक्र,
न मुश्किलों का जिक्र,
तुम्हारे साथ जिंदगी एक अठखेली है,
तू मेरी जिंदगी की तस्वीर अलबेली है।
दुनिया क्या समझेगी, हमारे प्यार का दायरा,
हमारी दोस्ती का गुल गुलिस्तान में नायरा,
हमारे जज्बातों को बयां होने को हर्फ नहीं,
हमारी बातों को है काफ़ी दोस्ती का मायरा।
तुम कुछ न भी कहो, तुम्हारी प्यारी सी म्याऊं- म्याऊं काफी है,
हमारी दोस्ती के हमारे लिए मायने हैं।
वो मलाई की खुशबू जो तुम्हें लुभाती है,
मेरी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार बढ़ाती है।
संसार के लिए तुम कोई जानवर सही या प्यारी बिल्ली,
पर मेरे लिए तो तुम , मेरी नायाब सखी सहेली।
वो जो दूध की कटोरी तुम्हें दूर से खींच लाती है,
तुम्हारी प्यारी आवाज मेरे मन में स्नेह जगाती है।
तुम वो हो, जो मेरा हर राज़ जानती हो,
और प्यारी सी आंखों से सच- सच बताती हो।
तुम कभी सच को छुपाने को झूठ की दीवार नहीं बनाती,
मेरे दुःख में तुम कभी मुंह नहीं चुराती।
तुम दुनिया में मेरी सबसे अनोखी सहेली हो,
तुम मेरे हृदय में बसी प्यार की पहेली हो।
तुम बहुत प्यारी,
सबसे न्यारी,
तुम मेरी अनूठी सखी सहेली हो।
दुनिया से कुछ अलबेली हो,
तुम मेरी प्यारी सखी सहेली हो।
