शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
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शून्य से अनंत के यात्रा,
अनवरत हैं कराते।
जीवन संस्कारों से भरकर।
ज्ञान से सजाते।
बीज बने वृक्ष, वृक्ष बने छायादार।
पग-पग पर हाथ बढ़ाकर,
गहरी नींव वो बनाते।
सफल राष्ट्र गुरु ही सफल सृष्टि बनाते।
अर्जुन की आंख बन लक्ष्य परिलक्षित कराते।
सर्वांगीण विकास की भूमिका गुरु ही हैं बनाते।