शब्दों की पहुँच
शब्दों की पहुँच
शब्दों ने उड़ना जब सीख लिया, तो बहुत दूर वो जाएंगे
यह धरती तो है कुछ भी नहीं, वो अम्बर से टकरायेंगे
नवजात शिशु मुख से निकलें, तो घर में खुशियाँ लाएंगे
बुज़ुर्ग के मुँह से जब निकलें, आशीर्वाद बन जाएंगे
भीष्म के मुँह से जब निकले, तो प्रतिज्ञा बन जाएंगे
सावित्री के मुँह से जब निकलें, तो सत्यवान को लायेंगे
ज्ञानी के मुख से जब निकले, तो ज्ञान बांटते जाएंगे
कटु वचन मुख से जब निकले, रिश्तों में दूरीं लाएंगे
कुछ शब्द यहाँ पर हैं ऐसे, जो पढ़ कर समझ में आते हैं
कुछ शब्द यहाँ पर हैं ऐसे, जो सुन कर समझ में आते हैं
यह जीवन तो बस केवल, शब्दों का ताना-बाना है
जितने भी हैं लोग यहाँ, उन सब से प्यार बढ़ाना है