साहस
साहस
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रात की स्याही अब तक छाई थी
आज के उजाले से मिट जायेगी।
मन के पतझड़ में उजड़ी हुई आशा
कली बन कर फिर खिल जायेगी।
रोशनी की एक किरण ही काफी है
अंधेरे में राह दिखायेगी।
लक्ष्य तक पहुंचने की ललक ही
कदमों को ताकत दिलायेगी।
थक कर जो कभी न रुका राही
मंज़िल उसको मिल जाएगी।