प्यारे ऋषि राज
प्यारे ऋषि राज
ऋषि राज आपके चरणों में,
शत कोटि प्रणाम हमारा है।
शोषित पीड़ित को गले लगा,
दुखों से आप निवारा है ।। ऋषि राज-----हमारा है।।
अज्ञान तिमिर में जो भटके,
दे वेद ज्ञान पथ दिखलाया।
सब रचना एक ही ईश्वर की,
जन भेदभाव से तारा है ।। ऋषि राज------हमारा है।।
सत्य का अर्थ बता सबको,
पाखण्ड का बोध कराया है।
ढोंगी लोलुप मदमत्तो का ,
सारा अभिमान नसाया है ।। ऋषि राज-------हमारा है।।
गोरों से व्याकुल जनता को,
उनका अधिकार बताया है।
स्वराज्य प्राप्ति का लक्ष्य धार ,
क्रान्ति का बिगुल बजाया है।। ऋषि राज------हमारा है।।
है मनुज मनुज में भेद नहीं,
सबने ही नर तन पाया है।
सोई मानवता को फिर से,
उर अन्तर आप जगाया है ।। ऋषि राज--------हमारा है।।
सबको ही निर्मल ज्ञान मिले ,
पाखण्ड भेद छल कपट मिटे।
प्रभु की रचना को आकर के,
तुमने सन्मार्ग दिखाया है ।। ऋषि राज--------हमारा है।।
कहते सब मुस्लिम ईसाई ,
पारसी आदि है बनने को।
बन मनुज मनुज का हित ,
करिए ऐसा ही पाठ पढ़ाया है।। ऋषि राज---हमारा है।।
