स्वराज्य प्राप्ति का लक्ष्य धार , क्रान्ति का बिगुल बजाया है स्वराज्य प्राप्ति का लक्ष्य धार , क्रान्ति का बिगुल बजाया है
हर बार तुमको पारितोषिक मिला हर बार तुमको पारितोषिक मिला
साथ दो आवाज़ का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं बन्द कर मैं का झगड़ा एकत्र हो बन जाओ हम साथ दो आवाज़ का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं बन्द कर मैं का झगड़ा एकत्र हो बन ज...