पर्यावरण संतुलन
पर्यावरण संतुलन
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आज मानव बना है वैश्विक
जैविक महामारी का कारण
अब दुष्कर हुआ निवारण
प्रकृति का किया अंधाधुंध दोहन
मोह, माया, क्षणिक लाभ के लिए
प्राकृतिक संसाधनों का किया भक्षण
नहीं हुआ कभी संवर्धन संरक्षण
हवा जल वनस्पति और वायु का
हुआ निरंतर दोहन प्रदूषण
पृथ्वी का ऐसा बिगड़ा संतुलन
स्वयं दे रहा मौत को निमंत्रण
आओ एक परिवार एक पेड़ का
जगाएं अलख घर घर
तभी होगा सुरक्षित पर्यावरण
संकल्पित प्रयासों से करें
प्रकृति का अभिषेक अभिनंदन
जीयो फिर से जीवन
स्वस्थ ,निरोगी, विलक्षण।