प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
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कार्तिक पूनम दिवस को, जन्में श्री गुरु गंग ।
तलवंदी है गांव में, रावी के तट चंग ।।
बचपन में परिपक्वता, मिला ज्ञान का योग ।
स्कूली शिक्षा त्याग कर, जन मानस संयोग ।।
सिक्ख धर्म की स्थापना, कर दीन्हें उपदेश ।
सत्य शिवा गुरु ब्रह्म हैं, त्याग रहो आवेश ।।
खुशदिल मेहनत कीजिए, राष्ट्र प्रेम अनुराग ।
दुश्मन को नहीं बख्श घर, नित नित रहना जाग ।।
दीप जला मन प्रेम का, जग में भरे सुवास ।
गुरु नानक श्री कुंज में, जगमग दीन्हें आस ।।
जन्म दिवस पर जानिए, उत्सव प्रकाश पर्व ।
हिंदुस्तां है कर रहा, श्री गुरु पर मधु गर्व ।।
