पिया का घर
पिया का घर
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पिया के लिए मेहंदी सजाई अनोखी,
आओ मिलकर प्रेम गीत गाए सखी।
जिस दिन से हुई मायके से विदाई,
माथे पर सुहाग की बिंदिया सजाई।
बाबुल का जिस दिन आंगन छोड़ा,
पिया के नाम का मंगलसूत्र पहना।
जिस दिन से हो गई बहना पराई,
हाथों में लाल लाल चूड़ियां सजाई।
सारे रिश्ते नाते लगने पर लगे फरेब,
पैरों में जो पहन ली पाजेब।
अब तो पिया का घर है अपना,
आज मुझे पिया के लिए है सजना।।