पिता जैसा भाई
पिता जैसा भाई
1 min
144
भाई मैं क्यों दिखते हैं पिता
पिता थे तो भाई भाई दिखता था
भाई पिता के बाद भाई
स्वयं को समझता है पिता
पिता का दुलार
पिता का क्रोध
पिता की हंसी
सबकुछ पिता जैसी
पिता बादल थे बरस कर चले गए
तुम रहना सदा आकाश की तरह
खुशियां रहे सदा तारों की तरह
बहने नहीं देती कोई उपहार
पर दुआओं से पूरा भर देती हैं
भाई का संसार
भाई देता रहे सदा
पिता जैसा लाड़
इसीलिए तो बना था
राखी का त्यौहार!