STORYMIRROR

Neetu Tyagi

Others

4  

Neetu Tyagi

Others

पिता जैसा भाई

पिता जैसा भाई

1 min
125

भाई मैं क्यों दिखते हैं पिता

पिता थे तो भाई भाई दिखता था

भाई पिता के बाद भाई

स्वयं को समझता है पिता

पिता का दुलार

पिता का क्रोध

पिता की हंसी

सबकुछ पिता जैसी

पिता बादल थे बरस कर चले गए

तुम रहना सदा आकाश की तरह

खुशियां रहे सदा तारों की तरह

बहने नहीं देती कोई उपहार

पर दुआओं से पूरा भर देती हैं

भाई का संसार

भाई देता रहे सदा

पिता जैसा लाड़

इसीलिए तो बना था

राखी का त्यौहार!


Rate this content
Log in