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Kanchan Prabha

Others

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Kanchan Prabha

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फटी जेब

फटी जेब

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दर्जी से मैने एक

पतलून बनवाई थी

उस काले पतलून में मैने

जेब बड़ी सिलवाई थी

बड़ी जेब थी पैसे भर भर

पिता से उसमे रखवाई थी


धीरे-धीरे फटी जेब वो

ऊपर से कपड़े चढ़वाई थी

फटी जेब से गिरते पैसे

टाँके कई दिलवाई थी

फटी जेब पर कई कई बार

सुई धागा चलवाई थी

वही हश्र होता है

जिसे मुफ़लिस रब ने बनाई है



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