फटी जेब
फटी जेब
जो सीखें सिद्धांत मात्र हम, और अनुप्रयोग न करें हम उनका व्यवहार में।
भूल जाएंगे हम बिन व्यवहार में लाए इन्हें, जो नहीं काम आएंगे संसार में।
सराहते हुए हम पेश करते अपनी खूबियॉ॑, और छिपाते हैं अपने सारे ऐब।
सारे गुण क्षीण हो जाएंगे ऐसे, जैसे सब धन खो जाएगा यदि होगी फटी जेब।
अर्जन करना ज्ञान और धन का, है बड़ी जरूरी और सुन्दर बात।
बड़े यत्न और मनोयोग से मेहनत करते, रत रहते हैं दिन और रात।
संग्रह का हो ज्ञान जो समुचित, तब ही तो बन पाएगी अपनी बात।
लापरवाही होगी बड़ी ही घातक, अभ्यास करें न या फट जाए जेब।
ज्ञान या धन कुछ भी पाना हो, ईमानदारी का सदा रखना है ध्यान।
स्वाद क्षणिक ही मिल पाएगा, जो बेईमानी को दिया जरा भी स्थान।
अवसाद होएगा घबराहट के संग, और मिल जाएगी मिट्टी में सब शान।
अपनानी होगी सादगी, सुखमय जीवन हित तजना होगा झूठ और फरेब।
प्रकृति में करना होगा शामिल सुख शांति हेतु, बन्द करनी होगी फटी हुई जेब।