पधारो मेरे आंगन में
पधारो मेरे आंगन में
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मन में आशा के दिये जलाए
बैठी हूं आपके स्वागत में
हे सर्वशक्तिमान अन्तर्यामी
पधारो मेरे आंगन में ।
अभिलाषाओं के फूल खिले हैं
मेरे मन के उपवन में
आकर उनमें सुगंध भर दो
हो पवित्रता चाहत में ।
जीवन पथ में घना अंधेरा
छाया हर कण कण में
हे परमज्योतिरूप सदगुरु साई
भर दो प्रकाश जीवन में ।
हो सर्वविद्यमान, यह जानते हुए भी
बैठी हूं तुम्हारे स्वागत में
हे सर्वशक्तिमान अन्तर्यामी
पधारो मेरे आंगन में ।
