ऑपन जिम की मशीनें
ऑपन जिम की मशीनें
पार्क में बैठी शर्माइन थोड़ा अलसा रही थी,"मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है
आज तो सिर्फ थोड़ा पैदल चलूंगी" मन ही मन ये प्लान बना रही थी।
तभी लगा जैसे ऑपन जिम की मशीनें खड़बड़ाने लगीं,
आपस में जैसे कुछ बड़बड़ाने लगीं।
देखो देखो आज फिर आलसी शर्माइन आईं है,
एक्सासाईज न करने का इक नया बहाना लाईं हैं।
इनके जीवन पर आया देखो खतरा बड़ा है,
"वजन कंट्रोल में करो"डॉक्टर ने ये साफ-साफ कहा है!
इनका वजन उठाने में हमें भी आफत आती
पल-पल दम घुटने का एहसास करवातीं हैं।
पर फिर भी हम इनका वजन हँसकर उठाते हैं,
ये सही हो तो इनका परिवार सही रहें इसीलिये हर दर्द सह जाते हैं।
पर ये हैं कि इन्हें कुछ लगता ही नहीं है
इनके पीछे इनके बच्चों का क्या होगा ये समझती ही नहीं है।
मशीन की बातों ने शर्माइन को आईना दिखाया था
उनके परिवार के लिऐ उनका स्वस्थ्य रहना कितना जरूरी है
ये एहसास करवाया था।
इसीलिये आलस छोड़ वो मशीन पर चढ़ गईं,
स्वस्थ्य रखने को उनको मशीन आह भर उनका वजन कम करने में जुट गईं।