नाजुक रिश्ता
नाजुक रिश्ता
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हमारे इस नाज़ुक रिश्ते की डोर बहुत कमजोर है
डरते हैं वक़्त का वजूद हमें जुदा न कर दे...
तेज बहती नदी का बहाव हमें दूर न कर दे...
ठण्डी शीतल पवन हमें मज़बूर न कर दे...
कभी कोई अनकही अनसुनी सी बात
हमारी ज़िंदगी में जहर न भर दे...
कोई नाज़ुक सा लम्हा हमें बेवफा न कर दे...!!
ए 'मन' तेरे लिए मुहब्बत की आस लिए बैठे हैं..
उदास होंठो पे प्यार की प्यास लिए बैठे हैं..
समझ सको तो मेरे बेपनाह प्यार को समझना..
बदल सको तो इस नाज़ुक रिश्ते को भरपूर प्यार में बदलना..!!