मत रो मेरे दिल
मत रो मेरे दिल
कोई तो प्यार करेगा ,
कोई तो इजहार करेगा।
हमेशा पतझड़ नहीं रहेगा,
कभी तो सावन आएगा ।
किसी दिन तो प्यार की बरसात होगी,
कभी ना कभी तो उससे मुलाकात होगी।
तेरा सपना कभी तो सच होगा ,
रोने वाले की कोई सुनता तो होगा ।
घास के पत्तों पर औस ठहर सकती नहीं,
सच्ची मोहब्बत के आगे दुनिया ठहर सकती नहीं।
भंवरों को फूल कहीं ना कहीं मिलता तो होगा ,
प्यार भरे दिल को कोई ठिकाना मिलता तो होगा।
बादल बिजली से हमेशा मिलता रहता है,
दिल का फूल तो हमेशा खिलता रहता है।
धरती भी सूरज की चमक का इंतजार करती होगी ,
कोई ना कोई तेरे प्यार की खुशबू का इकरार करती होगी।
कभी ना कभी तो मेहनत रंग लाएगी,
कभी ना कभी तो तेरी महबूबा आएगी ।
दीपक पतंगे का प्यार देखो,
प्यार की परिभाषा उनसे सीखो।
रात कटती नहीं काटी जाती है,
मोहब्बत की नहीं जाती हो जाती है।
पतंगा तो हमेशा दीपक पर जलता है,
प्यार तो हमेशा जुदाई में पलता है।
प्यार नहीं किया तो मरना क्या ,
और प्यार किया तो डरना क्या।
रांझे की तो हमेशा हीर होती है,
इश्क की सच्ची लकीर होती है ।
चकवा- चकवी भी तो सुबह होने का इंतजार करते हैं,
तुम जैसे पागल व्यर्थ में रो रो के मरते हैं।
तोता मैना की तरह प्यार कर,
तू भी कल की सुबह का इंतजार कर।
कभी तो काले बादल हट जाएंगे ,
कभी तो महबूबा को याद आएंगे।
ग्रहण तो चांद में भी लगता है ,
प्यार तो अपमान में भी पकता है ।
सूरज रोशनी से दूर हो नहीं सकता,
प्यार दिल की भावनाओं में बह नहीं सकता।
भँवरों को भी फूलों के कांटों से लड़ना पड़ता है ,
कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है।
रात भी तो सवेरा होने के लिए होती है ,
मोहब्बत भी कुछ होने के लिए होती है।
नववधू भी हमेशा सोती नहीं रहती,
तकदीर भी हमें हमेशा रोती नहीं रहती।
कभी तो तुझे सुकून मिलेगा,
कभी तो तेरी सवेर होगी।
कभी तो मोहब्बत रंग लाएगी ,
कभी तो तुझे मिलेगी तेरी मंजिल।
इसलिए मत रो मेरे दिल,
इसलिए मत रो मेरे दिल।।
