ज़िन्दगी जीना एक होड़ के सामान है जिसमें पीछे रह जाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है । पुरुषार्थ इसी म... ज़िन्दगी जीना एक होड़ के सामान है जिसमें पीछे रह जाने वालों के लिए कोई जगह नहीं ...
अभी कुछ बदला है, अभी और बदलना है सवेरा होने तक अँधेरे में, अभी और चलना है। अभी कुछ बदला है, अभी और बदलना है सवेरा होने तक अँधेरे में, अभी और चलना है।
मूक बने क्यों बैठे हो? अपनी तन्द्रा तो खोल।। हे!विद्वतजन कुछ तो। मूक बने क्यों बैठे हो? अपनी तन्द्रा तो खोल।। हे!विद्वत...
बारिशों में चलता गया मैं अपने हौसलों की छतरी को थामे। बारिशों में चलता गया मैं अपने हौसलों की छतरी को थामे।
बस चले चलो जब तक है जिंदगी बडे़ चलो बस चले चलो जब तक है जिंदगी बडे़ चलो
तू भूल बैठा है मुझे ना जाने किसकी खातिर, तरसी है आंखे एक तुझे देखने की खातिर,।। तू भूल बैठा है मुझे ना जाने किसकी खातिर, तरसी है आंखे एक तुझे देखने की खातिर...