मलाल
मलाल
प्यार भी करते हो फिर मलाल भी करते हो, तुम भी यार, कैसा कमाल करते हो।
पता भी था क्या कहना है हमने, फिर क्यों बार बार सवाल करते हो।
क्या जरूरत थी जख्मों को कुरेदने की, जब नजरों से ही हलाल करते हो।
भरे हुए जख्मों को करके हरा, यह कैसी देखभाल करते हो।
कदम कदम पर रूला कर हमें फिर क्यों प्यार बेहिसाब करते हो।
दुआ देते हो लम्बी उम्र की अक्सर, साथ में जीना भी बेहाल करते हो।
बातों से तो दिखता है रूखापन हमेशा, लोगों से कहते हो बेहद प्यार करते हो।
जब कभी भी जी चाहा, पास बैठने को तो नखरे कई हजार करते हो।
अपनों को अपनापन दिखा कर तो देखा होता,
बाहर से बनते हो सच्चे मीत हमेशा, अन्दर ही अन्दर दुश्मनी बेशुमार करते हो।
रोना धोना अच्छा नहीं लगता सभी के सामने,
लगाकर ठेस दिल को, क्यों झूठा व्यापार करते हो।
इंसान को इंसान समझना फ़ितरत है, इंसान की सुदर्शन,
फिर क्यों दुख देकर खुशी का इजहार करते हो।