मेरी प्यारी सोन परी
मेरी प्यारी सोन परी
ये जीवन एक स्वप्न लोक ही तो है
जो प्रभावित कर दे इसको, वो कहाँ किसी परी या अप्सरा से कम है.
मेरी ज़िन्दगी भी कर दी है जिस फ़रिश्ते ने गुलज़ार,
बिन जिसके सब लगे निरर्थक और बेज़ार,
वो है मेरी बिटिया प्यारी,
जिसने रंग- बिरंगी और खुशहाल दुनिया मेरी कर दी..
उस नन्हें फ़रिश्ते को क्यों ना एक परी का ही नाम दूँ,
जो गम मेरा आधा कर देती, जिसकी हर मुस्कान पे मैं वारी जाऊँ
जिसके जीवन में होने से है मेरा संसार रोशन इस कदर,
चहुँ ओर दीए जलते मानो जैसे हो दीवाली,
प्रज्ज्वलित हो गया जीवन मेरा ये उसका सानिंध्य पाकर.
यूँ तो बिटिया है पर कभी माँ बन कर मेरा मार्गदर्शन करती
तो अगले पल ही बहन बन सहारा बन जाती,
" child is the father of man" की कहावत को
इस प्रकार भली - भांति चरितार्थ कर जाती.
अपनी शरारतों से एक पल मुझे शिथिल कर जाती,
दूजे ही पल अपनी चुलबुली हँसी से
मेरे मन को अपने प्रेम से वशीभूत कर जाती.
जिसके बिना जीवन की कल्पना ना कर सकती,
अस्तित्व मेरा बिन जिसके कुछ भी नहीँ,
सजीली बना दी मेरी ये निरर्थक और बेजान ज़िन्दगी,
मेरी लाडली ही मेरी प्यारी सोन परी..