STORYMIRROR

नमिता गुप्ता 'मनसी'

Others

3  

नमिता गुप्ता 'मनसी'

Others

मैं लिखती हूं क्योंकि..

मैं लिखती हूं क्योंकि..

1 min
224

जब भी कुछ कहना चाहती हूं

मैं लिखती हूं,

वो शब्द हैं.. वाक्य हैं

..या की कविता,

पता नहीं !!


जब भी चुभतीं कुछ बातें

फांस सी ,

मैं लिखती हूं ,

वो तुम्हें भी चुभतीं हैं

..या कि खलतीं हैं ,

पता नहीं !!


सुनो..

जब तुमसे ही कुछ कहना हो,

मैं लिखती हूं,

..वो बात अलग है कि

तुम समझते कितना हो 

..या कि समझना ही नहीं चाहते ,

पता नहीं !!


Rate this content
Log in