मां तो बस मां होती हैं।।
मां तो बस मां होती हैं।।
मां तो बस मां होती है
हमारी एक आहट सुनाई देकर हमें जन्म देती हैं
हमारा बचपन अच्छा हो इसीलिए ख़ुद मेहनत करती हैं
मां तो बस मां होती है।।
लोरी गा कर चांद तारे जुगनू सभी पैरो तले रखती हैं
पंछी देख कर एक निवाले से ही पेट भरती हैं
मां तो बस मां होती है।।
दुनिया की नज़र ना लगे इसलिए हाथों और पैर में काला धागा बांधती हैं
किसी की नज़र ना कोई टोके ना इसलिए आंचल में छुपा लेती है
मां तो बस मां होती है।।
जो ख़ुद भूखा रहकर हमारा खयाल रखती हैं
सब लोग पूछते हैं कैसे हो वो अकेले खाना हुआ पूछती है
मां तो बस मां होती हैं।।
इस कढ़ी धूप में साया बन हमारे हर पल साथ रहती हैं
बिना कुछ बोले जो चाहा हाथ में लाकर रख देती हैं
मां तो बस मां होती है।।
हमारी मायूसी की और गुस्से की वजह उसे जरूर पता होती हैं
सिर्फ़ हमारी धड़कनों को सुनकर हमें पहचान लेती हैं
मां तो बस मां होती है।।
भगवान का रूप और सुनहरी स्वप्नों की ऊंची उड़ान होती हैं
इस कलियुग में जितना और हिम्मत ना हराना बस वो पढ़ाती है
मां तो बस मां होती है।।
चाहें बच्चा कितनी दूर क्यों ना हो बस उसकी फिकर करती रहती हैं
कैसा/कैसी होगा या होगी उसकी दिन रात चिंता करती रहती हैं
मां तो बस मां होती है।।
आज तक किसी ने अच्छा चाहा होगा वो सिर्फ मां और पिताजी होते हैं
हम सदा सुखी जीवन जीए बहुत सारी तरक्की करें ऐसी उनकी इच्छा होती है
मां तो बस मां होती है।।
उन दोनों के बिना कुछ सब कुछ अधूरा है जैसे कोई जीवन को अर्थ ही नहीं हैं
उन दोनों का आर्शीवाद हमें मिलता है तो हम असली किस्मत वाले हैं
मां तो बस मां होती है।।
