माँ अतुलनीय
माँ अतुलनीय
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सृष्टि की अनुपम रचना
प्रकृति का अमूल्य उपहार
प्रथम नमन मां को फिर नमन संसार
कोख की अनुभूतियां,
भूल दर्द स्मृतियां
सदा लुटाती है प्यार
यही है मां का संसार
खुश है वह बच्चों की खुशी में
दुख है उसे बच्चे दुखी हैं
न खुद की नींद है उसे
ना है चैन, करार
यही है मां का संसार
मां को है नमन बारंबार