लड़के भी रोते हैं
लड़के भी रोते हैं
माना हमारा देश पुरूष प्रधान है जनाब
पर यह कहाँ लिखा कि लड़के नहीं रोते !!!
मानती हूँ लड़कियों के मुकाबले लड़के सख्त दिल होते हैं
बचपन से घर में पिता / दादा एकाधिकार देखते आएँ
कुछ ऐसी ही सोच से होते हैं बड़े
दिल पक्का कर जीना बचपन से सीख लेते हैं
पर ऐसा नहीं कह सकते कि लड़के रोते नहीं हैं ।
देखा है मैने पिता की गीली आँखों को
बच्चे को चोट लगने पर
देखा है मैंने भाई को बहन को चुप कराने में रोते हुए।
बेटी विदाई पाषाण दिल को पिघलते हुए
हर पल लड़ने वाले भाई को मुँह छुपा कर रोते हुए
लड़के भी रोते हैं
हाँ यह सच है लड़कियों से कम
जहाँ रिश्ता अटूट हो,
प्यार गहन हो
वहाँ आँखें न भरे यह कैसे हो सकता है !
रिश्तों में इतनी नमीं तो रहनी ही चाहिए
ज्यादा रूखा सूखा रहना ठीक नहीं जनाब!!