क्या करना
क्या करना
1 min
201
उनके झूठे वादों पे ऐतबार क्या करना
प्यार ही न समझे जो उससे प्यार क्या करना
हर कहीं जो रास्ते में हमसफ़र बदलता हो
ऐसे हुस्न वालो का इंतजार क्या करना
रास्ते पे नेकी के खार भी मिले गर तो
फिर बुराई के रास्ते इख्तियार क्या करना
जुगुनू ही लिखे हैं गर सिर्फ मेरी किस्मत में
चाँद के लिए दिल को बेक़रार क्या करना
ग़म मिलें जो जीवन में कोई ग़म नहीं उसका
अपने दिल को इसपर भी सोगवार क्या करना
जो धरम नहीं समझें दिल की भावनाओं को
ऐसे बेवफाओं पर जाँ निसार क्या करना