कुंवारेपन के फायदे।
कुंवारेपन के फायदे।
जब इंसान तीस के लगभग,
पहुंच जाता,
उसको जीवनसाथी की,
तलाश होती।
अगर मिल जाए,
तो ठीक,
वरना बिना मकसद,
अकेला घूमता रहता।
यानी वो कुंवारा होता,
पहले पहल,
तो ठीक लगता,
लेकिन जब बिल्कुल,
अकेला हो जाता,
तो जीवन कठिनाई में,
पड़ जाता।
अभी अगर,
किसी की जरूरत,
पड़ जाए,
तो उसके पास,
कोई नहीं होता,
न सलाह के लिए,
और न मदद के लिए।
अब उसको सबकुछ,
स्वयं ही करना पड़ता,
हर समय,
भगवान को कोसता,
क्यों उसने उसे,
अकेला रखा,
क्यों कोई नहीं,
उसका हमसफर बनाया।
फिर इसका उसको,
कोई उपाय नहीं सूझता,
अगर तो बात,
बन जाए,
तो किस्मत वाला,
नहीं तो फिर,
फूटी किस्मत वाला।