कुछ यादें
कुछ यादें

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कुछ यादें उन पलों की,
जिनमे थी किताबें हाथो में।
जहाँ पर दोस्ती की खुमारी,
उकेरी गई स्कूल की बेंचो पर।
आड़े तिरछे नामो के कुछ,
कुछ किस्से सीधे सादे।
सजा की साझेदारी में,
मिलती खुशी का इजहार।
पढ़ाई के खेल में हार-जीत,
हर कोई हार जाता खुशी-खुशी।
बचपन की दहलीज छोड़कर,
बेपरवाह बढ़ते हुए कदम।
जहाँ मिटते थे फासले,
अमीरी गरीबी के।
कुछ यादें उन पलों की,
जिनमे थी किताबें हाथो में।