कश्मीर में सूरज धुला-धुला सा ल
कश्मीर में सूरज धुला-धुला सा ल
कश्मीर में सूरज धुला-धुला सा लगता है।
हर चेहरा यहाँ पर खिला-खिला सा लगता है।।
1. केशर की खुशबु यहाँ हवा में होती है।
दीदार-ए-कुदरत यहाँ फ़िज़ा में होती है।
हर शै जैसे कलई करी हो कुदरत ने।
सचमुच मेरा कश्मीर बना है फुरसत में।
चांदी का वरक सा,उजला-उजला सा लगता है.
कश्मीर में सूरज धुला-धुला सा लगता है।
2. हर तरफ बर्फ ही बर्फ, नमी है बर्फ़ीली।
पर्वत, मकान, छत , पेड़,जमीं है बर्फ़ीली।।
जिसने भी नजारा बर्फ़ीला, देखा होगा।
अपने मन में उसने भी , यह सोचा होगा।।
वादी में आकर, कुछ मिला मिला सा लगता है
कश्मीर में सूरज धुला-धुला सा लगता है।
3. सेबों सी सुर्खी, दिखती यहाँ कपोलों में।
मन मस्त हुआ जाये, कश्मीरी बोलों में।
चेहरों की रंगत अंगूरी है बादामी।
यह बर्फ नहीं, सचमें ,है जन्नत का पानी।
हुस्न का यहाँ पर एक सिलसिला सा लगता है
कश्मीर में सूरज धुला-धुला सा लगता है।
✍️उल्लास भरतपुरी
