कॉफी
कॉफी
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कॉफी के एक कप ने
सब कुछ हिला दिया
अजनबी से शख़्स को
अपना सा बन दिया !
सुना था कॉफी की मेज़ पे
बनते है अक्सर रिश्ते मगर
देखा नहीं था इस कदर
कोई अजनबियत मिटा गया !
चिलचिलाती धूप थी
दिन के दूसरे पहर में
गर्मी के पूरे कहर में
कोई पेशकश थमा गया !
ये कप नहीं था कॉफी का
कोई अलग सी इसमे बात थी
मिट रही थी अजनबियत
और दोस्ती की शुरुआत थी !
हो सकती है ज़िन्दगी ये
इस कदर खूबसूरत भी
कुछ लम्हों में ही ये बात
कॉफी का कप बता गया !
कॉफी के एक कप ने
सब कुछ हिला दिया
अजनबी से शख़्स को
दोस्त फिर बना दिया !!