कोई भूल से भी ना कह दे
कोई भूल से भी ना कह दे
वो रोते नहीं
बस उनके बस में नहीं
आप थोड़ा सा कह दो
नयन हो जाते है गीले दो।
न देना कोई भी तकलीफ
हम ठहरे मुफ़लिस
हम क्या जाने आंसुओ की तासीर
उसकी तो है अलग से तस्वीर।
वो हमारे कायल है
वचन से घायल है
ना दिलाना याद
बस बढ़ जाएगा विवाद।
वो हमारी किस्मत है
गरीब की एक अस्मत है
हम जी जान से हिफाज़त करेंगे
उनको दुःख हो ऐसी कोई भी इजाज़त नहीं देंगे।
उनमे सच्चाई का भरोसा है हमें
तभी तो गए है हम उनके खेमे
उनका चाहना ही हमारी कामयाबी है
बाकी वो बोलते भी तेजाबी है।
खूबसूरती फुट-फुट के भरी पड़ी है
आँखे बस इशारे की घड़ी है
कुछ बोल रहा है पर हम सुन नहीं पाते
हरकत से ही हम अंदाज़ लगा पाते।
आंसू हम आने नहीं देंगे जीवनभर
ये वादा है और निभाएंगे उम्रभर
उनकी खुशहाली अब हमारा जिम्मा है
कोई भूल से भी ना कह दे हमे "निकम्मा" है।