किताबें
किताबें
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किताबों से अच्छा और सच्चा दोस्त कोई और नहीं होता
खामोश रहकर हमें कितना कुछ देती हैं,
सफ़र की हमसफ़र होती हैं।
हमारी खुशी और गम सब चुपचाप बांट लेती हैं!
गर्मियों के लंबे दिनों में जब परिंदे भी अपने पर नहीं फड़फड़ाते
तब किताबों के पन्नो को पलटने से टूट जाती है तन्हाई की सदा।
