खुदा की हमेशा हम पर
खुदा की हमेशा हम पर
खुदा की हमेशा हम पर,
इतनी रही इनायत,
तुमसे न रहा,
कभी कोई शिकवा,
न कोई रही शिकायत।
तुमने हर बात को,
हमारी ऐसे माना,
जैसे तुम्हारे लिए,
Wah रहा हुक्म,
या कोई रही हिदायत।
तुमने हमेशा की,
हमारी बहुत परवाह,
जैसे कोई अपना,
और बहुत अज़ीज़,
करे हमारी हिफ़ाज़त।
तुमने हमेशा अपने,
दिल में ऐसे रखा,
इतना सुकून दिया,
जैसे हो गई हो,
तुम्हें हमसे मोहब्बत।
खुदा ने दिया हमको,
उम्मीद से भी ज़्यादा,
और बढ़कर इतना,
वह भी कभी उसकी,
बिना किए इबादत।
रब से अब बस,
इतनी सी है दुआ,
हमें चाहे जो भी हो,
हमको रखे न रखे,
तुमको रखे सलामत।
खुदा की हमेशा हम पर,
इतनी रही इनायत,
तुमसे न रहा,
कभी कोई शिकवा,
न कोई रही शिकायत।