खामोश हूँ मै
खामोश हूँ मै
खामोश हूँ मै,
तुम्हे खामोशी सताये,
इस मायूसी का कारण,
मेरे यारो से पूछ लो !
खुद को बचाते हो,
बनाकर सता दुसासन का
क्या होता है मातम,
इन परिवारो से पूछ लो !
सब खुशिया मनाये,
पटाखे उडाये,
कैसी मनी दिवाली मेरी,
इन धधकते त्यौहारो से पूछ लो !
तुम पूछते हो देखकर,
दर्दे-ऐ-हालात मेरा,
कभी हाल-ऐ-दिल ,
इन लचार बीमारो से पूछ लो !
नजरे टिकाये है ,
कलेंडर के पन्नो पर,
क्या ढूढते है शाम को,
इन बेसहारो से पूछ लो
जो यादो मे आते है,
एक सुबह सा बनकर,
कब आयेंगें लौट कर,
इन गुमराहो से पूछ लो,
मैं भी आम हूँ,
दर-बदर भटकता इंसान,
यकी नही तो मेरे घर के,
दीवारो से पूछ लो !